वर्ण विचार
वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते। हिंदी में कुल 52 वर्ण हैं - 13 स्वर और 39 व्यंजन।
मुख्य परिभाषाएं
- वर्ण भाषा की वह सबसे छोटी इकाई जिसके और टुकड़े नहीं हो सकते।
- वर्णमाला वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
- उच्चारण मुंह से निकलने वाली आवाज़ को उच्चारण कहते हैं।
- लिपि भाषा को लिखने की पद्धति को लिपि कहते हैं।
जिन वर्णों का उच्चारण बिना किसी दूसरे वर्ण की सहायता के होता है, उन्हें स्वर कहते हैं। हिंदी में 13 स्वर हैं।
स्वरों का वर्गीकरण
उच्चारण अवधि के आधार पर
ह्रस्व स्वर (मूल स्वर)
जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है
उदाहरण: अ, इ, उ, ऋ
4 स्वर
दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में अधिक समय लगता है
उदाहरण: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
7 स्वर
प्लुत स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में सबसे अधिक समय लगता है
उदाहरण: ॐ (ओ३म्)
1 स्वर
संपूर्ण स्वर तालिका
स्वर | मात्रा | उदाहरण | प्रकार |
---|---|---|---|
अ | कोई मात्रा नहीं | अमर | ह्रस्व |
आ | ा | आम | दीर्घ |
इ | ि | इमली | ह्रस्व |
ई | ी | ईख | दीर्घ |
उ | ु | उल्लू | ह्रस्व |
ऊ | ू | ऊंट | दीर्घ |
ऋ | ृ | ऋषि | ह्रस्व |
ए | े | एक | दीर्घ |
ऐ | ै | ऐसा | दीर्घ |
ओ | ो | ओखली | दीर्घ |
औ | ौ | और | दीर्घ |
अं | ं | अंगूर | अनुस्वार |
अः | ः | अतः | विसर्ग |
जिन वर्णों का उच्चारण स्वर की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं। हिंदी में 39 व्यंजन हैं।
व्यंजनों का वर्गीकरण
स्पर्श व्यंजन
जीभ का किसी अंग से स्पर्श होने से बनने वाले व्यंजन
संख्या: 25 व्यंजन
अंतःस्थ व्यंजन
स्वर और व्यंजन के बीच की ध्वनि
संख्या: 4 व्यंजन
ऊष्म व्यंजन
हवा की रगड़ से बनने वाली ध्वनि
संख्या: 4 व्यंजन
संयुक्त व्यंजन
दो या अधिक व्यंजनों के मेल से बने व्यंजन
संख्या: 4 व्यंजन
द्विगुण व्यंजन
दो समान व्यंजनों का मेल
संख्या: अगिनत
मुंह के विभिन्न भागों से वर्णों का उच्चारण होता है। इन स्थानों को उच्चारण स्थान कहते हैं।
उच्चारण स्थानों का विवरण
कंठ
गले से
स्वर: अ, आ
व्यंजन: क, ख, ग, घ, ङ, ह
तालु
जीभ के तालु से लगने पर
स्वर: इ, ई
व्यंजन: च, छ, ज, झ, ञ, य, श
मूर्धा
जीभ के मूर्धा से लगने पर
स्वर: ऋ
व्यंजन: ट, ठ, ड, ढ, ण, र, ष
दंत
जीभ के दांतों से लगने पर
व्यंजन: त, थ, द, ध, न, ल, स
ओष्ठ
दोनों होंठों से
स्वर: उ, ऊ
व्यंजन: प, फ, ब, भ, म
नासिका
नाक से
स्वर: अं (अनुस्वार)
व्यंजन: ङ, ञ, ण, न, म
हिंदी में वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं। इसके कुछ मुख्य नियम हैं।
संयोजन के मुख्य नियम
स्वर + व्यंजन
स्वर के बाद व्यंजन आ सकता है
उदाहरण: अब, इस, उस
व्यंजन + स्वर
व्यंजन के बाद स्वर (मात्रा के रूप में) आता है
उदाहरण: का, की, कू
व्यंजन + व्यंजन
दो व्यंजनों का मेल (संयुक्त व्यंजन)
उदाहरण: क्त, न्न, द्व
हलंत चिह्न (्)
व्यंजन के नीचे लगाकर उसका स्वर हटाते हैं
उदाहरण: क्, त्, प्
वर्ण पहचान अभ्यास
स्वर-व्यंजन पहचान
प्रश्न: निम्न में से स्वर छांटें: क, अ, च, ई, त, उ, प
उत्तर: अ, ई, उ
व्याख्या: ये वर्ण बिना किसी सहायता के उच्चारित होते हैं
मात्रा पहचान
प्रश्न: 'राम' में कौन सी मात्रा है?
उत्तर: आ की मात्रा (ा)
व्याख्या: र + आ = रा, म + अ = म
व्यंजन वर्गीकरण
प्रश्न: 'च' किस वर्ग का व्यंजन है?
उत्तर: च वर्ग (तालव्य)
व्याख्या: च, छ, ज, झ, ञ - ये सभी तालु से बोले जाते हैं